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E-ISSN: 2229-7677     Impact Factor: 9.88

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हिंदी कथा साहित्य में मध्यवर्गीय चेतना

Author(s) Ms. Bindu Kumari
Country India
Abstract हिंदी कथा साहित्य, विशेष रूप से कहानी और उपन्यास; समाज के बदलते परिवेश, जीवन की जटिलताओं और मानवीय संवेदनाओं का प्रतिबिंब है। बीसवीं शताब्दी के मध्य से लेकर आज तक, हिंदी साहित्य में जिस चेतना ने सबसे अधिक प्रभाव डाला है, वह है - मध्यवर्गीय चेतना। यह चेतना सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और मानसिक स्तर पर एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है, जो न केवल मध्यवर्ग की जटिलताओं को उभारती है, बल्कि समकालीन समाज की सच्चाइयों को भी उजागर करती है। हिंदी कथा साहित्य में मध्यवर्गीय चेतना एक गतिशील और सशक्त प्रवृत्ति के रूप में उभरी है। यह चेतना समाज के उस वर्ग की आवाज़ बन गई है जो न तो पूर्णतः शोषित है, न ही प्रभुत्वशाली – परंतु जो संघर्षशील, मूल्यनिष्ठ और परिवर्तनशील है। मध्यवर्गीय चेतना आज के समय में भी, मध्यवर्गीय जीवन की जटिलताओं और द्वंद्वों को समझने के लिए हिंदी कथा साहित्य का एक प्रभावशाली साधन बना हुआ है।
Keywords मध्य वर्ग, मध्यवर्गीय चेतना, समकालीन समाज, सामाजिक यथार्थ
Field Sociology > Linguistic / Literature
Published In Volume 16, Issue 3, July-September 2025
Published On 2025-07-03
DOI https://doi.org/10.71097/IJSAT.v16.i3.6786
Short DOI https://doi.org/g9r8gs

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